Description
इस पुस्तक की पृष्ठभूमि दक्षिण भारत का काल्पनिक शहर मालगुडी है। इस कहानी संग्रह में आर. के. नारायण ने आमतौर पर मानवीय सम्बन्धों की विशेषताओं तथा भारतीय दैनिक जीवन की विडंबनाओं का चित्रण किया है, जिसमें आधुनिक शहरी जीवन, पुरानी परम्पराओं के साथ टकराता रहता है। इस कहानी संग्रह में उनकी शैली शालीन है, जिससे सुसंस्कृत हास्य, लालित्य और सहजता का मिश्रण है|
इस पुस्तक की पृष्ठभूमि दक्षिण भारत का काल्पनिक शहर मालगुडी है। इस कहानी संग्रह में आर. के. नारायण ने आमतौर पर मानवीय सम्बन्धों की विशेषताओं तथा भारतीय दैनिक जीवन की विडंबनाओं का चित्रण किया है, जिसमें आधुनिक शहरी जीवन, पुरानी परम्पराओं के साथ टकराता रहता है। इस कहानी संग्रह में उनकी शैली शालीन है, जिससे सुसंस्कृत हास्य, लालित्य और सहजता का मिश्रण है|