Description
इस पुस्तक में भारत के श्रेष्ठ दार्शनिक और विचारक डॉ. सर्वेपल्लि राधाकृष्णन् ने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘भगवद्गीता’ के प्रत्येक श्लोक का अर्थ और व्याख्या इस प्रकार प्रस्तुत की है कि प्राचीन विवेक का नया रूप हमारी वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप प्रकट हो जाता है|
इस पुस्तक में भारत के श्रेष्ठ दार्शनिक और विचारक डॉ. सर्वेपल्लि राधाकृष्णन् ने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘भगवद्गीता’ के प्रत्येक श्लोक का अर्थ और व्याख्या इस प्रकार प्रस्तुत की है कि प्राचीन विवेक का नया रूप हमारी वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप प्रकट हो जाता है|